सरकार ने अपने विवादास्पद गलत सूचना विधेयक को वापस ले लिया है।
संचार विधान संशोधन (गलत सूचना और दुष्प्रचार का मुकाबला) विधेयक 2024 नवंबर में प्रतिनिधि सभा से पारित हुआ था, लेकिन उसी महीने बाद में इसे वापस ले लिया गया।
संचार मंत्री मिशेल रोलैंड ने कहा, "सार्वजनिक बयानों और सीनेटरों के साथ बातचीत के आधार पर, यह स्पष्ट है कि सीनेट के माध्यम से इस प्रस्ताव को कानून बनाने का कोई रास्ता नहीं है।"
"यह विधेयक डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म सेवाओं पर सबसे गंभीर रूप से हानिकारक सामग्री का मुकाबला करने पर केंद्रित था और इसमें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए मजबूत सुरक्षा शामिल थी।"
लेकिन कई सीनेटरों ने चिंता जताई कि यह विधेयक अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
सरकार ने मूल रूप से लोकतांत्रिक ऑस्ट्रेलिया में सूचना के मुक्त फैलाव, विशेष रूप से डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर, आसानी से भ्रामक या झूठी जानकारी फैलाने पर चिंता व्यक्त की थी, जो ऑस्ट्रेलियाई लोगों के लिए हानिकारक है।
इस विधेयक से डिजिटल संचार प्लेटफ़ॉर्म प्रदाताओं को गलत सूचना और भ्रामक सूचना के जोखिम का जवाब देने और प्रबंधित करने के लिए ‘सशक्त’ बनाते हुये इसका मुकाबला करने की कोशिश की गई थी।
विधेयक की वापसी को मान्यता देते हुए एक बयान में, मंत्री रोलैंड ने स्वीकार किया कि “कोई भी एकल कार्रवाई एक आदर्श समाधान नहीं है”।
उन्होंने कहा, “हमें यह सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा उपायों में सुधार करना जारी रखना चाहिए कि डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म ऑस्ट्रेलियाई लोगों के लिए बेहतर सुरक्षा प्रदान करें।”
एक बेहतर संतुलन'
विश्व आर्थिक मंच (वर्ड इकोनॉमिक फोरम - WEF) के अनुसार, गलत सूचना और भ्रामक जानकारी इस समय सबसे बड़ा वैश्विक जोखिम है।
दुनिया भर की सरकारें जोखिमों से निपटने के लिए विनियमन लागू कर रही हैं।
लेकिन, वर्ड इकोनॉमिक फोरम ने कहा कि विनियमन की गति और प्रभावशीलता, विकास की गति से मेल खाने की संभावना नहीं है।
SBS Examines से बात करते हुए, मानवाधिकार आयुक्त लोरेन फिनले ने कहा कि विनियमन को सही संतुलन बनाने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा, "हमें मुक्त भाषण और ऑनलाइन सुरक्षा के बीच बेहतर संतुलन खोजने की आवश्यकता है, क्योंकि हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि ऑनलाइन स्थान सुरक्षित स्थान हों, और ऐसा करने के लिए अनावश्यक रूप से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को प्रतिबंधित करने की आवश्यकता नहीं है।"
"हमें जो प्रमुख चीजें करने की आवश्यकता है, उनमें से एक लोकतांत्रिक जीवन शक्ति की रक्षा करना है, जहां हम वास्तव में सभ्य और रचनात्मक तरीके से विभिन्न विचारों, परिदृष्यों और विभिन्न दृष्टिकोणों के साथ जुड़ने में सक्षम हो सकें।
"ऑस्ट्रेलिया में हमें सुरक्षित ऑनलाइन और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा करने के बीच संतुलन खोजने की आवश्यकता है।"
गलत सूचना से सरकारें और किस प्रकार से निपट सकती हैं?
मेलबर्न विश्वविद्यालय के मेलबर्न सेंटर फॉर सिटीज में रिसर्च फेलो इका ट्रिज्सबर्ग ने गलत सूचना के मुद्दे से निपटने के लिए एक प्लेबुक विकसित की है।
उन्होंने एसबीएस एक्जामिनेस को बताया, "यह स्थानीय स्तर पर साफ दिख रहा है।"
ट्रिज्सबर्ग ने कहा, "स्थानीय स्तर की सरकार सबसे भरोसेमंद और सबसे सुलभ सरकार है... वे चुस्त, स्थानीय रूप से अंतर्निहित, सहयोग में अच्छे हैं और वास्तव में जटिल सामाजिक समस्या-समाधान के लिए जिम्मेदारी दिखाते हैं।"
प्लेबुक तीन चरण की रणनीति प्रदान करती है: रोकथाम और प्रारंभिक पहचान, प्रसार की रोकथाम और पूर्व-खंडन, तथा खंडन और रिकवरी।
ट्रिज्सबर्ग और शोध दल ने पाया कि गैर-पक्षपातपूर्ण दृष्टिकोण आवश्यक है, क्योंकि गलत सूचना विभाजित दृष्टिकोण पर ही पनपती है।
जब इसमें राजनीति शामिल हो जाती है तो क्या होता है?
विधेयक के व्याख्यात्मक ज्ञापन में, 'मानवाधिकार निहितार्थ' उपशीर्षक के अंतर्गत, चेतावनी दी गई थी कि यह कानून किसी व्यक्ति की निजता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार को सीमित कर सकता है।
दस्तावेज़ में कहा गया है कि यदि ऐसा करने के लिए कानून बनाया जाता है, तो डिजिटल संचार प्लेटफ़ॉर्म प्रदाता सामग्री के विनियमन के मामले में "अत्यधिक सतर्क" हो सकते हैं।
इसमें लिखा है, "उनका एक भयावह प्रभाव हो सकता है जो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर गहरा प्रभाव डाल सकता है।"
क्या आगे बढ़ने के और भी रास्ते हैं?
जब गलत सूचना और भ्रामक सूचनाओं को विनियमित करने की बात आती है, तो कुछ लोग कहते हैं कि इसकी जिम्मेदारी सरकारों पर नहीं आनी चाहिए।
टिप्पणीकार और मुक्त भाषण के पक्षधर जोश सेप्स ने एसबीएस एक्जामिन्स को बताया कि इसका बोझ यानि उत्तरदायित्व तकनीकी कंपनियों पर डाला जाना चाहिए।
उनका कहना है कि उन्हें अधिक पारदर्शी होना चाहिए।
श्री सेप्स ने कहा, "मैं आक्रामक तौर पर खुलेपन को विनियमित करने और सोशल मीडिया कंपनियों द्वारा किए जा रहे शोध तक हमारी पहुँच सुनिश्चित करना चाहुँगा कि एल्गोरिदम हमें किस तरह की सामग्री की ओर धकेल रहे हैं और ऑनलाइन प्रसारित होने वाले भाषण की गुणवत्ता पर इसका क्या प्रभाव पड़ता है।"
"मुझे लगता है कि इसका समाधान खोजना शायद एक आसान समस्या है, बजाय इसके कि सभ्यता को कैसे एक साथ रखा जाए, जब हर एक व्यक्ति दुनिया के अपने व्यक्तिगत रूप से क्यूरेट किए गए फ़ीड को देख रहा हो।"
नोट: इस लेख को 3 दिसंबर 2024 को अपडेट किया गया, ताकि विधेयक को वापस लेने के कारणों को स्पष्ट किया जा सके।