ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच यह साझेदारी अक्षय ऊर्जा क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच वाणिज्यिक जुड़ाव बढ़ाने का एक अवसर है जिसमें सोलर पैनल,, हरित हाइड्रोजन और अक्षय ऊर्जा कार्यबल जैसे अक्षय ऊर्जा क्षेत्रों में दो-तरफ़ा निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
फेडरल सरकार ने एक आधिकारिक बयान में इस साझेदारी को "भारत-ऑस्ट्रेलिया सहयोग में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया और कहा कि यह जलवायु और ऊर्जा सहयोग का मार्गदर्शन करेगा।"
एसबीएस हिंदी से बात करते हुए मंत्री बोवेन ने इस साझेदारी के बारे में कुछ जानकारी दी।
हम आपूर्ति श्रृंखला और श्रम शक्ति से संबंधित चीजों पर, कौशल प्रशिक्षण पर मिलकर काम कर सकते हैं, और दोतरफा निवेश पर बाधाओं को दूर कर सकते हैं।Hon Chris Bowen, Federal Minister for Climate Change and Energy

Solar panels are seen at solar farm on the northern outskirts of Canberra. Source: AAP
आस्ट्रेलियाई कम्पनियां अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में अनेक नवीन प्रौद्योगिकियां बना रही हैं जो न केवल ऑस्ट्रेलियाई और भारतीय कंपनियों की विशेषज्ञता को एक साथ लाएगा बल्कि अक्षय ऊर्जा क्षेत्र के विकास और दोनों देशों के समग्र विकास में भी योगदान देगा ।
बोवेन ने कहा, "भारत ऑस्ट्रेलिया नवीकरणीय ऊर्जा अकादमी बनाने की संभावनाओं पर भी विचार किया जायेगा।"
भारत-ऑस्ट्रेलिया अक्षय ऊर्जा साझेदारी के तहत सहयोग के क्षेत्रों में शामिल हैं - सौर पैनल, सौर आपूर्ति श्रृंखला, हरित हाइड्रोजन, ऊर्जा भंडारण, क्षमता निर्माण, नवीकरणीय ऊर्जा के लिए परिपत्र अर्थव्यवस्था और नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं में दो-तरफ़ा निवेश और आपसी हित के अन्य क्षेत्र।
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