चांद पर जमीन के मालिक कैसे बने बिहार के नीरज गिरी

Neera Giri with certificate of land on Moon

Source: Supplied/ Neeraj Giri

गया के व्यवसायी नीरज गिरी कहते हैं कि अगर ज़िंदगी में कुछ करने का जज़्बा हो तो कुछ भी पाया जा सकता है, चाहे चांद पर ज़मीन ही क्यों ना हो. वह कहते हैं कि उन्होंने एक सच्ची कोशिश की थी जो कि सफल हुई.


ये बताइये कि क्या आपने कभी चांद पर जाने की सोची है? वहां जाकर वहां घूमने की या फिर नीरज गिरी की तरह चांद पर ज़मींदार बनने की? 

24 साल के नीरज गिरी गया के एक प्रॉपर्टी व्यवसायी हैं और आज कथित तौर पर चांद में एक एकड़ ज़मीन के मालिक हैं.  


मुख्य बातें:

  • भारत में गया शहर के व्यवसायी नीरज गिरी ने अपने नाम चांद पर ज़मीन ली है.
  • नीरज कहते हैं कि वह शाहरुख ख़ान और सुशांत सिंह राजपूत के पास चांद पर ज़मीन होने की ख़बरों से प्रेरित थे. 
  • आज नीरज के पास चांद पर एक एकड़ ज़मीन और कथित लूनर रिपब्लिक की नागरिकता है. 
नीरज कहते हैं कि उन्हें बचपन से ही कुछ अलग करने का जुनून था. वह हमेशा सोचते थे कि कुछ ऐसा किया जाए जिससे लोग उन्हें जानने-पहचानने लगें.
Neeraj Giri_man who bought land on Moon
Source: Supplied/ Neeraj Giri

चांद पर जमीन ही क्यों?

लेकिन चांद पर ज़मीन ही क्यों ? कुछ और क्यों नहीं ? इसके जवाब में नीरज कहते हैं, "मैंने सुना था कि शाहरूख को उनके किसी चाहने वाले ने चांद पर ज़मीन लेकर दी है. सुशांत सिंह राजपूत ने भी चांद पर ज़मीन ली थी. तो मैंने सोचा कि मैं क्यों नहीं ले सकता."

नीरज ने शुरुआत में इंटरनेट पर खोजने की कोशिश की कि क्या वह भी चांद पर जमीन ले सकते हैं और अगर हां तो कहां से. 

काफी खोजबीन के बाद उन्हें लूना सोसाइटी इंटरनेशनल के बारे में पता चला. नीरज कहते हैं कि चांद पर ज़मीन की कीमत से ज्यादा इसे अपने नाम करने की प्रक्रिया कठिन थी.

हालांकि पिछले साल अपने जन्मदिन के मौके पर उन्होंने यह कार्रवाई शुरू की थी. और इस साल जुलाई के प्रारंभ में उन्हें न केवल चांद पर उनकी एक एकड़ ज़मीन के कागज़ात मिले बल्कि वह कथित लूनर रिपब्लिक के नागरिक भी बन गए हैं.
Neeraj Giri_Land Map on Moon
Source: Supplied/ Neeraj Giri

लोगों को विश्वास दिलाना था कठिन

नीरज कहते हैं कि चांद पर ज़मीन तो उनके नाम हो गई लेकिन उनके करीबी लोगों को इसका विश्वास ही नहीं हुआ. उनके दोस्त और करीबी रिश्तेदार इसे मज़ाक मान रहे थे. लेकिन जब नीरज अखबारों की सुर्खियां बटोरने लगे तो लोगों को विश्वास हुआ. 

नीरज बताते हैं कि अब तो दोस्त छेड़ते हैं कि चांद पर ज़मीन का क्या करोगे. मकान बनाओगे या कुछ और ?

नीरज जानते हैं कि चांद पर जाना फिलहाल उनके लिए एक सपने की तरह है लेकिन वह कहते हैं कि ये तो ख्वाहिशों को पूरा करने की एक कोशिश भर थी. वह मानते हैं कि हर कोई ऐसा कर सकता है चाहे ख्वाहिशें कितनी भी बड़ी हों, ज़रूरत है तो एक संजीदा कोशिश की.
Neeraj Giri_Citizenship certificate of Lunar republic
Source: Supplied/ Neeraj Giri

क्या है चांद पर ज़मीन लेने की वैधानिकता

हालांकि चांद पर ज़मीन के इस सौदे की कोई वैधानिकता नहीं है. 10 अक्टूबर 1967 में हुए एक वैश्विक समझौते 'द आउटर स्पेस ट्रीटी' के मुताबिक आउटर स्पेस जिसमें चांद भी शामिल है, एक कॉमन हेरिटेज है. यानी उस पर कोई भी राष्ट्र या व्यक्ति अधिकार नहीं जता सकता. इस समझौते पर 104 देशों ने हस्ताक्षर किए हैं जिनमें भारत भी शामिल है.


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