मेलबोर्न में ‘कलर्स ऑफ़ कत्थक’ ने बिखेरे भारतीय नृत्य परम्परा के रंग

Colors of Kathak in Melbourne

Source: Supplied

ऑस्ट्रेलिया के मेलबोर्न शहर में भारत के जाने माने कत्थक नर्तक पंडित कृष्ण मोहन महाराज अपनी नृत्य मंडली के साथ आये हुए हैं।


अक्टूबर के महीने में दिवाली, दशहरा, भाईदोज और धनतेरस त्योहारों की धूम है। 

ऐसे में मेलबोर्न के संचिता अब्रोल डांस क्रिएशन्स और इंडियन कॉउंसिल ऑफ़ कल्चरल रिलेशन्स यानि ICCR के तत्वाधान में भारतीय नृत्य परम्परा से परिचित करने के लिए “कलर्स ऑफ़ कत्थक” नामक कार्यक्रम किया।
Colors of Kathak in Melbourne
Source: Supplied
पंडित कृष्ण मोहन महाराज का परिवार पिछली सात पीढ़ी से कत्थक परंपरा का निर्वाहन कर रहा है। 

वे बताते हैं कि कत्थक की शुरुवात कथा यानि कहानी सुनाने से हुई थी। 

“कत्थक नटवारिये नृत्य इसका नाम था लेकिन विभिन्न प्रभावों के कारण ये सिर्फ अब कत्थक के रूप में जाना जाता है। ये श्री कृष्ण से सम्बंधित नृत्य  है, उनके पदचाप से जो बोल निकले थे उसी से कत्थक निर्माण हुआ है।”
Colors of Kathak in Melbourne
Source: Supplied
भारत में शास्त्रीय संगीत और नृत्य को साधने और आगे बढ़ाने का काम कुछ संगीत घरानो के जिम्मे रहा है, लेकिन पंडित कृष्ण मोहन बताते है कि ये सभी घराने एक ही स्थान से निकले हैं। 

“कत्थक परिवार देश में एक ही रहा है जो उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले के हंडिया तहसील से निकल कर अलग अलग जगह बस गए। हमारे 889 घर थे कत्थक परिवार के जो इलाके में बीमारी फैलने के कारण भारत भर में फैल गए”
colors of Kathak in Melbourne
Source: Supplied
इस कार्यक्रम की आयोजक संचिता अब्रोल मेलबोर्न में अपना नृत्य स्कूल चलती है।

उन्होंने एसबीएस हिंदी को बताया कि ऐसे आयोजन होने से भारतीय ऑस्ट्रेलियाई समाज की अगली पीढ़ी को ये कत्थक नृत्य की धरोहर सौंपने में सहयोग मिलता है। 

“यदि सीनियर आर्टिस्ट आते हैं तो निश्चित रूप से मेरे साथ दूसरे कलाकारों को सीखने का अवसर मिलता है और गुरु शिष्य परंपरा वाले इस नृत्य को सीखने वालो को भारत की कमी नहीं खलेगी।”

संचिता कहती है कि कलर्स ऑफ़ कत्थक ने मेलबोर्न में कुछ अदभुत रंग बिखरे जो कृष्ण मोहनजी और उनके साथ आये कलाकारों ने यहाँ वाले लोगो को दिखाए।” 
Colors of Kathak in Melbourne
Source: Supplied
पंडित कृष्ण मोहन कहते हैं कि मेलबोर्न की एक नृत्य प्रयोगशाला में भाग लेते हुए उन्हें इस बात का भरोसा हो गया कि भविष्य में यहाँ के कत्थक कलाकार इस नृत्य परम्परा को नई ऊंचाइयों पर ले जायेंगे। 

संचिता का मानना है कि ये हमारी जिम्मेदारी है कि हम सुनिश्चित करें की सभी आर्ट फॉर्म्स को सही मौका मिले। 

Tune into SBS Hindi at 5 pm every day and follow us on Facebook and Twitter


Share
Download our apps
SBS Audio
SBS On Demand

Listen to our podcasts
Independent news and stories connecting you to life in Australia and Hindi-speaking Australians.
Ease into the English language and Australian culture. We make learning English convenient, fun and practical.
Get the latest with our exclusive in-language podcasts on your favourite podcast apps.

Watch on SBS
SBS Hindi News

SBS Hindi News

Watch it onDemand