मनमीत अलीशेर की याद में ब्रिसबेन में स्मारक

Manmeet Alisher

Source: SBS

ब्रिसबेन की उस हृदय विदारक घटना को एक साल हो गया है जबकि भारतीय मूल के एक बस ड्राइवर को जिंदा जला दिया गया था. मनमीत अलीशेर नाम के उस भारतीय युवक की याद में ब्रिसबेन में एक स्मारक का उद्घाटन हुआ है.


मनमीत अलीशेर को गुजरे एक साल हो गया है. काउंसिल की बस में ड्राइविंग की अपनी सीट पर बैठे बैठे ही अलीशेर आग की लपटों से घिर गया था. दुनियाभर में इस घटना की चर्चा और निंदा हुई थी. तब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री से बात करके चिंता भी जाहिर की थी. दोस्तों और परिजनों को अब भी नहीं लगता कि मनमीत ऐसी जगह जा चुका है जहां से वह कभी नहीं लौटेगा. उस घटना की भयावहता आज भी उनके दिलों को झकझोर जाती है, कंपा जाती है. परिवार के प्रवक्ता विनरजीत गोल्डी उस आपराधिक वारदात को यूं याद करते हैं, “यह एक घिनौना अपराध था. मानवता का कत्ल था. मनमीत के ख्वाब बड़े थे जिन्हें पूरा करने के लिए वह ऑस्ट्रेलिया आया था.”

29 साल के मनमील एक गायक भी थे. जानेमाने और लोकप्रिय गायक. वह फिल्मों में काम करने के अपने सपने को पूरा करने के लिए मेहनत कर रहे थे. ऑस्ट्रेलिया को वह जन्नत कहा करते थे.
manmeet alisher
Manmeet Alisher Source: Supplied
मनमीत को याद करने के लिए शनिवार को लोग ब्रिसबेन के सबर्ब मूरूका में जमा हुआ. यहां मनमीत की याद में एक स्मारक बनाया गया है. जगह वहीं हैं जहां मनमीत ने आखिरी सांस ली थी. उस जगह से कुछ ही दूर यह स्मारक जिस पर लिखे शब्द मनमीत के ही कहे हुए महसूस होते हैं. लिखा है – मनीमत्स पैराडाइज.

ब्रिसबेन के लॉर्ड मेयर ग्रीम क्वर्क ने कहा कि मनमीत की याद कभी धुंधली ना पड़े, इसका एक ही मंत्र है, हम सब समर्पण से काम करें. उन्होंने कहा, “हम एक बार फिर संतप्त परिवार के प्रति अपना दुख व्यक्त करते हैं और भरोसा दिलाते हैं कि इस पार्क के जरिए मनमीत की याद हमेशा जिंदा रहेगी.”

इस मौके पर भारतीय संसद के सदस्य महिंदर सिंह सिरसा भी पहुंचे थे. उन्होंने स्मारक को सच्ची श्रद्धांजलि बताया.

जब उस बस पर जलाया गया, तब उसमें 11 सवारियां भी थीं. साउथ सूडानी मूल के एक टैक्सी ड्राइवर आगेक न्योक ने बहादुरी दिखाते हुए उस बस के दरवाजे को तोड़ दिया था और 11 लोगों की जान बचा ली थी. लेकिन वह अपने दोस्त को नहीं बचा सके, जो उस बस का ड्राइवर था. न्योक को इस बात का अफसोस आज भी है, “मैं चाहूंगा कि मनमीत को पता हो, उसके जान के बाद क्या हुआ. और जाने से मेरा मतलब सिर्फ शरीर के जाने से है. मनमीत हमेशा हमारे साथ है. उसकी याद हमेशा हमारे साथ है.”

इस वारदात के आरोपी पर एक व्यक्ति की हत्या और 11 हत्याओं की कोशिश का आरोप लगाया गया है. मामले की सुनवाई अभी शुरू नहीं हुई है. मनमीत की मौत का असर दो जगह साफ देखा जा सकता है. एक तो ब्रिसबेन की बसों में जिन्हें अब ज्यादा सुरक्षित बना दिया गया है. और दूसरा, मनमीत के घर में, जहां उसकी खाली जगह को अब तक भरा नहीं जा सका है.

Follow us on Facebook.


Share
Download our apps
SBS Audio
SBS On Demand

Listen to our podcasts
Independent news and stories connecting you to life in Australia and Hindi-speaking Australians.
Ease into the English language and Australian culture. We make learning English convenient, fun and practical.
Get the latest with our exclusive in-language podcasts on your favourite podcast apps.

Watch on SBS
SBS Hindi News

SBS Hindi News

Watch it onDemand