सरल मन के सुरीले रफी साहब भले ही अब इस दुनिया में न हों, लेकिन उनके गाए गाने आज भी सदाबहार हैं।
आज भी रफी साहब , हर नये गायक के लिये एक आदर्श हैं और करोड़ों संगीत प्रेमियों के दिलों में बसते हैं।

Mahesh Yadav, a peace activist making a blood portrait of famous playback singer Mohd Rafi to pay him tributes Credit: ANI/ANI
मोहम्मद रफी ने अपने करियर में हजारों सुपरहिट गाने गाए। और लगभग हर भारतीय भाषा के साथ-साथ उन्होंने कई विदेशी भाषाओं में भी गीत गाए थे।
संगीत ही उनकी आराधना थी। संगीतकार लक्ष्मीकान्त प्यारेलाल के साथ अपना आखिरी गाना रिकार्ड कर वह घर पहुँचे और उसी दिन 31 जुलाई 1980 के दिन, हार्ट अटैक से 55 साल के मोहम्मद रफी इस दुनिया से विदा ले गये।
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